13 महीने पहले बना था ये रिकॉर्ड, अब 3 वीक में गायब हुए 1.35 लाख करोड़
Foreign Exchange Reserve
Foreign Exchange Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) लगातार कम होता जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि 7 नवंबर, 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.7 अरब डॉलर घटकर 687.73 अरब डॉलर रह गया. यह लगातार तीसरा हफ्ता है, जब देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई है. इससे एक सप्ताह पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.6 अरब डॉलर घटकर 689.73 अरब डॉलर पर पहुंच चुका था.
फॉरेन करेंसी एसेट में भी गिरावट
RBI की डेटा के मुताबिक, 7 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियों (Foreign Currency Asset) में भी भारी कमी दर्ज की गई है. यह 2.45 अरब डॉलर घटकर 562.13 अरब डॉलर रह गया है. फॉरेन करेंसी असेट (FCA) देश के विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा है. डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियां भंडार में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं के घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.
गोल्ड रिजर्व में भी कमी
वहीं, अगर गोल्ड रिजर्व की बात करें, तो इसमें भी कुछ कमी आई है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, बीते 7 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.95 अरब डॉलर की कमी के साथ देश के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू अब 101.53 अरब डॉलर रह गई है. गौरतलब है कि अक्टूबर में गोल्ड रिजर्व रिकॉर्ड 100 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जब ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों में तेजी आई थी, लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट दर्ज की गई. RBI ने कहा कि इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (SDR) 5.1 करोड़ डॉलर घटकर 18.59 अरब डॉलर रह गए.
पाकिस्तान की क्या है हालत?
वहीं, अगर पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें, तो इसमें बढ़त दर्ज की गई है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) इस हफ्ते चार साल के अपने हाई लेवल पर पहुंच गया है. 7 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 2.2 करोड़ डॉलर की बढ़त दर्ज की गई, जिससे कुल भंडार 14.524 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह आंकड़ा अब SBP के पहले के हाई लेवल 14.506 अरब डॉलर को पार कर गया है.
पाकिस्तान के फॉरेन करेंसी रिजर्व में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन यह वित्त वर्ष 2021 के हाई लेवल से नीचे बना हुआ है. पाकिस्तान को अगले महीने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1.2 अरब डॉलर मिलने की भी उम्मीद है. इससे विदेशी मुद्रा भंडार के और बढ़ने की संभावना है.